Saturday, July 18, 2020

कर ली बी.ए, एम.ए पास,
फिर भी सजती नहीं बारात|
बन जाए मेरी भी बात,
नीतीश जी नौकरी दे दो |
मोदी जी नौकरी दे दो |

सी टेट(ctet) भी कर ली हमने,
बी टेट (btet) भी पास हमने कर ली है |
कबतक रहेंगे बेरोजगार ?
बेबस निर्धन और लाचार|
लग जाए मेरी जुगाड़,
मोदी जी नौकरी दे दो|
नीतीश जी नौकरी दे दो |

घर में लुगाई नहीं,
पिता की कुटाई हमें मिलती है |
लाठी, डंडा, और  लात,
होती जूतों की बरसात |
ताना सुनते दिन और रात,
नीतीश जी नौकरी दे दो,
मोदी जी नौकरी दे दो |

Tuesday, July 14, 2020

हर दर्द भी तुमसे, हमदर्द भी तुम हो |
हर ज़ख्म भी तुमसे, मरहम भी तुम हो |
परेशान है ज़र्रा ज़र्रा इस बात से, 
वीरानगी भी तुमसे,मेरी हर क़दम भी तुम हो |

               ✍️आशीष कुमार सत्यार्थी 

Saturday, July 11, 2020

जिंदगी अजीब मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया है,
उदासी अच्छा नहीं लगता और मुस्कुराने के लायक नहीं हूँ |

✍️आशीष कुमार सत्यार्थी
हर दर्द मुस्कुरा कर पी रहा हूँ,
न जाने कौन सी दुनिया में जी रहा हूँ |
पलट कर देखा इतिहास के पन्नों को मैने,
ये ज़हर नायाब है जो मै पी रहा हूँ |
शौक था कलम रखने की जेब में मगर,
वक़्त के साथ रेत की फटी चादर को सी रहा हूँ|

✍️आशीष कुमार सत्यार्थी 

Wednesday, July 8, 2020

ग़र तुम और मै मिल जाएं....


ग़र तुम और मै मिल जाएं तो,
अस्तित्व मिटे हर ग़म का |
मेरे खुशियों की फुलवारी तूँ,
मै सुर हूँ तेरे सरगम का |

मेरे सावन की हरियाली तूँ,
मै ज्योति तेरे शबनम का |
तेरे पायल की झनकार हूँ मै,
तूँ शान मेरे दर्पण का |

ग़र तुम और मै मिल जाएं तो,
अस्तित्व मिटे हर ग़म का |

✍️आशीष कुमार सत्यार्थी 

 बनाकर हर परिंदे को उड़ने के काबिल, घोंसला अक्सर विरान रहा जाता है | है नियति का खेल सब, विधि का है मेल सब | जीवन का यह जो धारा है, उड़े बिना ...