Thursday, October 1, 2020

इसबार दशहरा आएगा

 इसबार दशहरा आएगा

(1)

इसबार दशहरा आएगा, 

बस इतना तुम दिखला देना |

अंदर जो रावण बैठा है, 

बस उसको तुम जला देना |

(2)

माँ दुर्गा खुश हो जायेगी, 

माँ-बहनें भी खुश हो जाएगी |

बस सम्मान मे उनके, 

तुम एक कदम बढ़ा देना |

(3)

नोची जाती है जब जब नाड़ी, 

लुटता तब स्वाभिमान तेरा भी |

टूटती है सांसे जब जब, 

मरता है तब अरमान तेरा भी |

 (4)

सरताज़ पहन घूम सको, 

तुम सर को इतना ऊंचा करना |

इसबार दशहरा आएगा, 

बस इतना तुम दिखला देना |


✍️आशीष कुमार सत्यार्थी 

 बनाकर हर परिंदे को उड़ने के काबिल, घोंसला अक्सर विरान रहा जाता है | है नियति का खेल सब, विधि का है मेल सब | जीवन का यह जो धारा है, उड़े बिना ...