इंसानो में होड़ लगी है,
कौन कितना धनवान है?
दौलत के इस चकाचौंध मे,
भटक रहा इंसान है।
कौन कितना धनवान है?
दौलत के इस चकाचौंध मे,
भटक रहा इंसान है।
✍️आशीष कुमार सत्यार्थी
बनाकर हर परिंदे को उड़ने के काबिल, घोंसला अक्सर विरान रहा जाता है | है नियति का खेल सब, विधि का है मेल सब | जीवन का यह जो धारा है, उड़े बिना ...