Saturday, March 20, 2021

ये कैसा सुशासन

 शहर गाँव हर गली गली में, आतंक का आसन है |

पूछ रहा है पूरा बिहार, ये कैसा सुशासन है? 


चोरी, हत्या बलात्कार अब आम बनी हर गाँव में |

टूट चुकी है सारी सड़कें, कील चुभ रही पांव में |

विकास के नाम पर अब, सिर्फ नेताओं का भाषण है |

पूछ रहा है पूरा बिहार, ये कैसा सुशासन है? 


शिक्षा डूबा, चिकित्सा डूबा, डूब गया रोजगार है |

निजीकरण का धूम मचा है, युवा बेरोजगार है |

महंगाई से झुलस रहे सब, त्राहिमाम जनजीवन है |

पूछ रहा है पूरा बिहार, ये कैसा सुशासन है? 


किसान रो रहे, युवा रो रहा , रो रहे सब कर्मचारी है |

धरना, अनसन आत्महत्या, करना एक लाचारी है |

तानाशाही के नींव पर ही, टिका हुआ सिंहासन है |

पूछ रहा है पूरा बिहार, ये कैसा सुशासन है? 

                       ✍️आशीष कुमार सत्यार्थी 

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