Wednesday, April 20, 2022


 पनघट पे, खेतों में, पेड़ों की छाँव में |

सुना है भारत माता कहीं बसती है गाँव में |

कुट्टी और सानी में, पोखर के पानी में |

महुआ के फूलों की खुशबू सुहानी में |

बकरी के में में और कोयल की कूक में |

खटिया,अलमीरा पुरानी संदूक में |  

                          बारिश के पानी और कागज के नाव में |

सुना है भारत माता कहीं बसती है गाँव में |


   ✍️Ashish Kumar Satyarthi

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