पलकें हैं भींगी और आँखें है नम||
होटों पे खुशी और दिल मे है गम |
यूँ तो हर किसी को खुशियाँ बांटने का प्रयत्न करता हूँ|
पर अक्सर अकेले मे उदास रहते है हम।
पलकें है भींगी और आँखे हैं नम||
न कोई गुल है न गुलशन है मेरा,
माँ-बाप ही तो गगन है मेरा ,
पर अक्सर उनसे दूर रहकर गमगीन है हम।
पलकें हैं भींगी और आँखे हैं नम।
No comments:
Post a Comment