खैरियत न पूछे कोई हमारी अभी |
कर रहा हूँ सब्र की सवारी अभी |
उम्मीदों के दिये से करेंगे रौशन जहाँ को |
थोड़ी कठिन दौर में चल रही है जीवन की गाड़ी अभी |
उठा है जो तूफ़ाँ तो फ़िर आसमां तलक जायेगा | ऊँची पहाड़ी पर चढ़ कर फ़िर उस ढलान तलक जायेगा | पथरीला रास्ता है और सफर बहुत लम्बा है | सोच कर बता ...
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