Sunday, September 20, 2020

 हरकत उसका सयाना जैसा,

हम फिर भी उसे नादान कहते है ।

जहां लगती है नापाकों की मंडी,

सारी दुनियां उसे पाकिस्तान कहते है।

✍️आशीष कुमार सत्यार्थी 

Thursday, September 3, 2020

             (1)

वनवास ख़त्म हे राम अब 

युद्ध करने का पल आया है |

हर जगह पर रावण फैला है, 

वध करने का पल आया है |

            (2)

छलियों, बहुरूपियों के, 

पहचान न पाते वेश को |

कोई नोचता बहन बेटी को, 

कोई नोचता देश को |

               (3)

 कुकर्म कर वर्चस्व बनाता, 

ये कैसा कल आया है? 

वनवास ख़त्म हे राम अब, 

युद्ध करने का पल आया है |

 ऐ खुदा तूने ये क्या किया? 

किस बात का तूने सज़ा दिया? 

रंगबिरंगी जीवन माँगा था मैने, 

तूने गिरगिट से मिला दिया |


✍️आशीष कुमार सत्यार्थी 

 बनाकर हर परिंदे को उड़ने के काबिल, घोंसला अक्सर विरान रहा जाता है | है नियति का खेल सब, विधि का है मेल सब | जीवन का यह जो धारा है, उड़े बिना ...