इसबार दशहरा आएगा
(1)
इसबार दशहरा आएगा,
बस इतना तुम दिखला देना |
अंदर जो रावण बैठा है,
बस उसको तुम जला देना |
(2)
माँ दुर्गा खुश हो जायेगी,
माँ-बहनें भी खुश हो जाएगी |
बस सम्मान मे उनके,
तुम एक कदम बढ़ा देना |
(3)
नोची जाती है जब जब नाड़ी,
लुटता तब स्वाभिमान तेरा भी |
टूटती है सांसे जब जब,
मरता है तब अरमान तेरा भी |
(4)
सरताज़ पहन घूम सको,
तुम सर को इतना ऊंचा करना |
इसबार दशहरा आएगा,
बस इतना तुम दिखला देना |
✍️आशीष कुमार सत्यार्थी
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