हर दर्द भी तुमसे, हमदर्द भी तुम हो |
हर ज़ख्म भी तुमसे, मरहम भी तुम हो |
परेशान है ज़र्रा ज़र्रा इस बात से,
वीरानगी भी तुमसे,मेरी हर क़दम भी तुम हो |
✍️आशीष कुमार सत्यार्थी
उठा है जो तूफ़ाँ तो फ़िर आसमां तलक जायेगा | ऊँची पहाड़ी पर चढ़ कर फ़िर उस ढलान तलक जायेगा | पथरीला रास्ता है और सफर बहुत लम्बा है | सोच कर बता ...
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