Monday, November 28, 2022

फुटपाथ

 


कभी जूता कभी चप्पल कभी सैंडल का मार खाता हूँ |

सह कर हजारों गम सबको मंजिल तक पहुंचता हूँ |

लिख दो मेरी पहचान, मै फुटपाथ कहलाता हूँ |


किसी ने मेरे ऊपर कुछ दुकान सजाया है |

कुछ बेघरों ने मुझे आशियाना बनाया है |

गिर जाए कोई सड़क पर उसको खुद पे बिठाता हूँ |

लिख दो मेरी पहचान, मै फुटपाथ कहलाता हूँ |


कहने को तो हमेशा मै व्यस्त कहलाता हूँ |

खुद के मन की बात अक्सर खुद को ही सुनाता हूँ |

खभी ईंटो कभी पत्थर कभी बालू सा बिखर जाता हूँ |

लिख दो मेरी पहचान, मै फुटपाथ कहलाता हूँ |


                           ✍️आशीष कुमार सत्यार्थी

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