किया रौशन, घर आंगन|
जलाकर दीपक हमने आज |
जीत निश्चित हमारी है,
हुआ है जश्न-ए -आगाज़ |
न उत्स्व था न दिवाली,
फिर भी चमक उठा, सारा देश आज |
✍️आशीष कुमार सत्यार्थी
उठा है जो तूफ़ाँ तो फ़िर आसमां तलक जायेगा | ऊँची पहाड़ी पर चढ़ कर फ़िर उस ढलान तलक जायेगा | पथरीला रास्ता है और सफर बहुत लम्बा है | सोच कर बता ...
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