Monday, October 26, 2020
Thursday, October 1, 2020
इसबार दशहरा आएगा
इसबार दशहरा आएगा
(1)
इसबार दशहरा आएगा,
बस इतना तुम दिखला देना |
अंदर जो रावण बैठा है,
बस उसको तुम जला देना |
(2)
माँ दुर्गा खुश हो जायेगी,
माँ-बहनें भी खुश हो जाएगी |
बस सम्मान मे उनके,
तुम एक कदम बढ़ा देना |
(3)
नोची जाती है जब जब नाड़ी,
लुटता तब स्वाभिमान तेरा भी |
टूटती है सांसे जब जब,
मरता है तब अरमान तेरा भी |
(4)
सरताज़ पहन घूम सको,
तुम सर को इतना ऊंचा करना |
इसबार दशहरा आएगा,
बस इतना तुम दिखला देना |
✍️आशीष कुमार सत्यार्थी
Subscribe to:
Posts (Atom)
उठा है जो तूफ़ाँ तो फ़िर आसमां तलक जायेगा | ऊँची पहाड़ी पर चढ़ कर फ़िर उस ढलान तलक जायेगा | पथरीला रास्ता है और सफर बहुत लम्बा है | सोच कर बता ...
-
पनघट पे, खेतों में, पेड़ों की छाँव में | सुना है भारत माता कहीं बसती है गाँव में | कुट्टी और सानी में, पोखर के पानी में | महुआ के फूलों की ख...
-
पागल (1) नफ़रत हो गई है इस दुनिया से, इसलिए अलग दुनिया बसा रखा है मैने | लोग तो बेवजह पागल समझ रहे हैं मुझे, ये तो अपना रूप...
-
हर दर्द मुस्कुरा कर पी रहा हूँ, न जाने कौन सी दुनिया में जी रहा हूँ | पलट कर देखा इतिहास के पन्नों को मैने, ये ज़हर नायाब है जो मै पी रहा...